Wednesday 12 October 2016

क्या सच में तुम्हें रावण जैसा भाई चाहिए ?

आजकल सोशल मिडिया पर एक ट्रेंड बहुत तेजी से चल पड़ा है ,
रावण के बखान..!!
वो एक प्रकांड पंडित था जी....
उसने माता सीता को कभी छुआ नहीं जी....
अपनी बहन के अपमान के लिये पूरा कुल दाव पर लगा दिया जी.....!!!
अर्रे भाई...
माता सीता को ना छूने का कारण उसकी भलमनसाहत नहीं बल्कि कुबेर के पुत्र “नलकुबेर” द्वारा दिया गया श्राप था..!!!
कभी लोग ये कहानी सुनाने बैठ जाते हैं कि एक मां अपनी बेटी से ये पूछती है कि तुम्हें कैसा भाई चाहिये..बेटी का जवाब होता है..रावण जैसा... जो अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिये सर्वस्व न्योंछावर कर दे...
भद्रजनो..ऐसा नहीं है....
रावण की बहन सूर्पणंखा के पति का नाम विधुतजिव्ह था..जो राजा कालकेय का सेनापति था..जब रावण तीनो लोको पर विजय प्राप्त करने निकला तो उसका युद्ध कालकेय से भी हुआ..जिसमे उसने विधुतजिव्ह का वध कर दिया...तब सूर्पणंखा ने अपने ही भाई को श्राप दिया कि, तेरे सर्वनाश का कारण मै बनूंगी..!!
कोई कहता है कि रावण अजेय था...
जी नहीं.. प्रभु श्री राम के अलावा उसे राजा बलि, वानरराज बाली , महिष्मति के राजा कार्तविर्य अर्जुन और स्वयं भगवान शिव ने भी हराया था..!!
रावण विद्वान अवश्य था, लेकिन जो व्यक्ति अपने ज्ञान को यथार्थ जीवन मे लागू ना करे, वो ज्ञान विनाशकारी होता है...रावण ने अनेक ऋषिमुनियों, विशेषकर ब्राह्मणों का वध किया, अनेक यज्ञ ध्वंस किये, ना जाने कितनी स्त्रियों का अपहरण किया..यहां तक कि स्वर्ग लोक की अप्सरा “रंभा” को भी नहीं छोड़ा..!!
एक गरीब ब्राह्मणी, “वेदवती” के रूप से प्रभावित होकर जब वो उसे बालों से घसीट कर ले जाने लगा तो वेदवती ने आत्मदाह कर लिया..और वो उसे श्राप दे गई कि तेरा विनाश एक स्त्री के कारण ही होगा..!!!

स्मरण रहें, जब तक रावण ने चारों वेदों का की शिक्षा ली थी वो रावण तब तक ही पंडित था ।।।
व्याभिचारी, बलात्कारी, अपहर्ता, कामुक, नारी पीड़क राक्षस रावण को जबरन ब्राह्मण और पंडित घोषित करने पर तुले अभागे और अज्ञानी लोगों से निवेदन है कि वो पावन , पवित्र पंडित शब्द को एक महाराक्षस से जोड़ कर अपने कुल को लज्जित ना करें ।।।।।
वही श्री राम भरत को ज्ञान देते समय महापंडित थे,
वही श्री राम रावण का वध करते समय क्षत्रिय थे,
रावण को पंडित बताने वाले मूर्ख और भगवान श्री राम को क्षत्रिय बताने वाले महामूर्ख एक ही मन्दबुद्धि पिता की 2 औलादें हैं , मूर्खता जिनके DNA में भरी है ।।।।

सनातन संस्कृति संघ

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