Wednesday 12 October 2016

लोकजीवन को राम इतने प्रिय क्यों हैं ?

राम के आचरण ने ...लोक को प्रभावित किया...
चौदह वर्ष तक वनों मे रहना...जीवन मे उनका संघर्ष...अंतत: सफलता..
और उनके दृढ़ व्यक्तित्व ने ...जनमानस के मर्म को छुआ है |
राम लोक मन को छूते हैं , राम लोकमंगल का नाम हैं ,
लोक का श्रेष्ठ राम है , वे परमकाम्य होकर लोकजीवन से एकाकार हो गए ।
हमारी आत्मा राम है ,हमारा परमात्मा राम है , जीते जी राम होना चाहते हैं ,मरण पर राम से सामीप्य ,
हमारा नवजात राम है , हमारा दुल्हा राम है , हमारा भाई राम है ,आदर्श पुत्र राम है , आदर्श पति राम है , , अन्याय का दुश्मन राम है , न्याय की गुहार राम है , त्याग में राम हैं , राज में राम हैं , अभिवादन में राम हैं , धिक्कार-घृणा-शोक, विस्मय का उद्गार राम से है .....
यह उपास्य और उपासक का एकाकार है
🙏🏻जय श्री राम जी की🙏🏻

🚩सनातन संस्कृति संघ🚩
🌹🙏🏻भारत स्वाभिमान दल🙏🏻🌹

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