Thursday 8 September 2016

भारतीय महिलाओं के श्रृंगार एवं आभूषणों में भी छिपें हैं वैज्ञानिक कारण।

🔺सोलह श्रृंगार का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्त्व है. इसके पीछे कई धार्मिक तर्क दिए जाते हैं और इसे पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन के सुखमय होने की वजह माना जाता है. आज जानिये धार्मिक परम्पराओं और मान्यताओं के पीछे के वैज्ञानिक कारण.
🔺

सिंदूर लगाना

सिर के बालों के दो हिस्से करके बीच में सिंदूर लगाया जाता है. सिर के इस हिस्सें को महत्वपूर्ण और संवेदनशील माना जाता है. सिंदूर लगाने से दिमाग हमेशा सतर्क और सक्रिय रहता है. दरअसल, सिंदूर में मरकरी होता है जो अकेली ऐसी धातु है जो लिक्विड रूप में पाई जाती है. सिंदूर लगाने से शीतलता मिलती है और दिमाग तनावमुक्त रहता है.

कांच की चूड़ियां

शादीशुदा महिलाओं का कांच की चूड़ियां पहनना शुभ माना जाता है. नई दुल्हन की चूड़ियों की खनक से उसकी मौजूदगी और आहट का एहसास होता है. लेकिन इसके पीछे एक विज्ञान छुपा है. दरअसल, कांच में सात्विक और चैतन्य अंश प्रधान होते हैं. इस वजह से चूड़ियों के आपस में टकराने से जो आवाज़ पैदा होती है, वह नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है.

मंगलसूत्र

माना जाता है कि मंगलसूत्र धारण करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है. भारतीय हिंदू महिलाएं काफी शारीरिक श्रम करती हैं, इसलिए उनका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहना जरूरी है. विज्ञान कहता है कि मंगलसूत्र शरीर से स्पर्श होना चाहिए, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा असर कर सके.

बिछुआ

शादीशुदा हिंदू महिलाओं में पैरों में बिछुआ जरूर नजर आ जाता है. इसे पहनने के पीछे भी विज्ञान छिपा है. पैर की जिन उंगलियों में बिछुआ पहना जाता है, उनका कनेक्शन गर्भाशय और दिल से है. इन्हें पहनने से महिला को गर्भधारण करने में आसानी होती है और मासिक धर्म भी सही रहता है. चांदी का होने की वजह से जमीन से यह ऊर्जा ग्रहण करती है और पूरे शरीर तक पहुंचाती है.

नाक की लौंग

नाक में लौंग पहने के पीछे का विज्ञान कहता है कि इससे सांस नियंत्रित होती है.

कुमकुम

कुमकुम भौहों के बीच में लगाया जाता है. यह बिंदु अज्ना चक्र कहलाता है. सोचिए जब भी आपको गुस्सा आता है तो तनाव की लकीरें भौहों के बीच सिमटी हुई नजर आती हैं. इस बिंदु पर कुमकुम लगाने से शांति मिलती है और दिमाग ठंडा रहता है.

कान में बालियां

कानों में झुमके, बालियां आदि पहनना फैशन ही नहीं है, इसका शरीर पर एक्युपंचर इफेक्ट भी पड़ता है. कान में छेद कराकर उसमें कोई धातु धारण करना मासिक धर्म को नियमित करने में सहायक होता है. शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए सोने के ईयर रिंग्स और ज्यादा ऊर्जा को कम करने के लिए चांदी के ईयररिंग्स पहनने की सलाह दी जाती है.

पायल

चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी, घुटनों के दर्द और हिस्टीरिया रोगों से राहत मिलती है. साथ ही चांदी की पायल हमेशा पैरों से रगड़ती रहती है, जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए काफी फ़ायदेमंद है. इससे उनके पैरों की हड्डी को मज़बूती मिलती है, साथ ही ये शरीर की बनावट को नियंत्रित भी करती है.

🌹सनातन संस्कृति संघ🌹

🚩सनातन संस्कृति संघ के सदस्य बनकर भारत व सनातन धर्म- संस्कृति की रक्षा व सम्वर्धन के अभियान में अपना सक्रीय योगदान दें।

सनातन संस्कृति संघ के सदस्य बनने के लिए अपने नाम परिचय के साथ हमें 08126396457 पर वाट्सएप्प करें।

No comments:

Post a Comment