Tuesday 1 November 2016

अन्नकूट महा उत्सव यानि गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभ कामनाएँ

अन्नकूट महा उत्सव यानि गोवर्धन पूजा की हार्दिक शुभ कामनाएँ
.
अनेक स्थानों पर इस दिन प्रात:काल में गाय के गोबर से गोवर्धन बना कर पुष्पों, लताओं आदि से सजाया जाता है| | सायंकाल में गोवर्धन की पूजा की जाती है|
गोवर्धन में अपामार्ग अनिवार्य रूप से रखा जाता है।
पूजा के बाद गोवर्धनजी के सात परिक्रमाएं उनकी जय बोलते हुए लगाई जाती हैं। गोवर्धन जी गोबर से लेटे हुए पुरुष के रूप में बनाए जाते हैं| इनकी नाभि के स्थान पर एक कटोरी या मिट्टी का दीपक रख दिया जाता है। फिर इसमें दूध, दही, गंगाजल, शहद, बताशे आदि पूजा करते समय डाल दिए जाते हैं और बाद में इसे प्रसाद के रूप में बांट देते हैं।
इस दिन प्रात:तेल मलकर स्नान करना चाहिए।
इस दिन पूजा का समय कहीं प्रात:काल है तो कहीं दोपहर और कहीं पर सन्ध्या समय गोवर्धन पूजा की जाती है।

-श्री कृपा शंकर बावलिया मुद्गल

🚩सनातन संस्कृति संघ के सदस्य बनकर भारत व सनातन धर्म- संस्कृति की रक्षा व सम्वर्धन के अभियान में अपना सक्रीय योगदान दें।

सनातन संस्कृति संघ के सदस्य बनने के लिए अपना नाम, पता व संक्षिप्त परिचय हमें sanatansanskritisangh@gmail.com पर ई-मेल करें अथवा 08126396457 पर वाट्सएप्प करें।

जयतु भारतम्
जयतु संस्कृतम्

No comments:

Post a Comment