1. वर्तमान में चल रही समस्त गलत नीतियों व भ्रष्ट व्यवस्थाओं का राष्ट्र हित में पूर्ण परिवर्तन कराना। भ्रष्टाचार, बलात्कार, दहेज हत्या, गौहत्या, आतंकवाद व मिलावट करने वालों के विरूद्ध मृत्युदण्ड का कानून बनवाकर सम्पूर्ण भारतीयों को सुरक्षा प्रदान करवाना। शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून, अर्थ व कृषि व्यवस्था का पूर्ण भारतीयकरण व स्वदेशीकरण करना।
2. साम्प्रदायिक आधार पर भेदभाव करने वाले कानूनों को निरस्त कर समान नागरिक संहिता लागू करना।
वर्तमान
भारतीय
संविधान
जाति
व
धर्म
के
आधार
पर
भारतीय
नागरिकों
में
भेदभाव
करता
हैं,
यह
संविधान
धर्म
के
आधार
पर
किसी
नागरिक
को
सामान्य,
तो
किसी
नागरिक
को
विशेषाधिकार
देता
हैं।
इस
संविधानिक
साम्प्रदायिक
भेदभाव
के
चलते
देश
में
जातीय
व
साम्प्रदायिक
तनाव
बढ़
रहा
हैं,
जो
राष्ट्रीय
एकता
व
अखण्डता
के
लिए
घातक
हैं,
और
कालांतर
में
गृहयुद्ध
का
कारण
भी
बन
सकता
हैं।
राष्ट्र
हित
में
साम्प्रदायिक
आधार
पर
भारतीय
नागरिकों
में
भेदभाव
करने
वाले
कानूनों
को
निरस्त
कर
समान
नागरिक
संहिता
लागू
की
जाए।
देश
में
समानता
का
अधिकार
लागू
किया
जाना
चाहिए।
3. जातिवाद को असंवैधानिक घोषित करना, सरकारी महत्व के अभिलेख विद्यार्थी पंजीकरण, मूल निवास, जॉब पंजीकरण आदि परिपत्रों में जाति लिखने को प्रतिबंधित करना।
4. नौकरी हेतु किसी भी प्रकार के आरक्षण को अवैध घोषित कर उस पर प्रतिबंध लगाना,
केवल
शिक्षा
हेतु
आर्थिक
आधार
पर
गरीब
विद्यार्थियों
को
सहायता
दी
जाए,
नौकरी
उन्हें
उनकी
योग्यता
के
आधार
पर
मिले।
5. भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना, काले धन को वापस मंगाना, भ्रष्टाचारियों की संपत्ति को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करना व भ्रष्टाचारियों को कठोर दंड का प्रावधान करना।
6. केन्द्रीय गौवंश मंत्रालय बनाकर स्वदेशी गौवंश को प्रोत्साहन की नीति बनाना। केन्द्रीय योजना बनाकर जिला स्तर पर एक एक लाख गौवंश की क्षमता वाली गौशालाएँ बनवाना,
उनमें
बेसहारा
गाय,
बैल
व
सांडों
को रखकर गौवंश आधारित उद्योगों की शुरूआत कराना,
गैस,
बिजली,
खाद,
औषधि
आदि
गौवंश
से
उत्पन्न
कर
विदेशी
मुद्रा बचाना, तथा गाँवों में गौवंश आधारित संयंत्र स्थापित करने के लिए गौवंश पालक किसानों को सबसिडी देने का प्रावधान करना,
ग्रामीण
भारतीयों
को
आत्मनिर्भर
बनाना।
7. सभी धर्मों के भारतीय नागरिकों के लिए अधिकतम तीन संतान उत्पन्न करने का कठोर जनसंख्या कानून बनाना, इस कानून की अवमानना करने वाले को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित कराना।
8. विद्यालयों में चरित्र निर्माण, व्यवसायिक शिक्षा व सैन्य शिक्षा अनिवार्य करना। तथ्यों के आलोक में भारतीय इतिहास का पुनर्लेखन
कराना
तथा
ताजमहल,
लालकिला
आदि
प्राचीन
भवनों
के
वास्तविक
निर्माताओं
को
श्रेय
देकर
भारत
का
सुप्त
स्वाभिमान
जगाना।
काल
गणना
के
लिए
युगाब्ध
को
अपनाकर
राष्ट्रीय
पंचांग
के
रूप
में
लागू
करना।
केन्द्रिय
परीक्षाओं
में
अंग्रेजी
प्रश्नपत्र
की
अनिवार्यता
समाप्त
करना
तथा
संस्कृत,
हिन्दी
व
क्षेत्रिय
भाषाओं
को
वैकल्पिक
आधार
प्रदान
करना।
9. स्वदेशी उत्पादनों को प्रोत्साहित करना। आयुर्वेद को राष्ट्रीय चिकित्सा पद्धति घोषित करना।
10. उन्नत कृषि एवं पशुपालन को प्रोत्साहित करना तथा राष्ट्रीय किसान आयोग का पुनर्गठन करना।
11. बेरोजगारी, गरीबी, भूख, अभाव व अशिक्षा से मुक्त स्वस्थ, समृद्ध, संस्कारवान व शक्तिशाली भारत का पुनर्निर्माण करना और भारत को विश्व की महाशक्ति तथा विश्वगुरू के रूप में पुन: प्रतिष्ठित करना।
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वन्दे मातरम्
भारत माता की जय
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