राष्ट्र हित व धर्म हित में धरातल पर कार्य करने की इच्छा रखने वाले
राष्ट्रभक्तों का भारत स्वाभिमान दल की हित चिंतक योजना में हार्दिक स्वागत एवं
अभिनंदन हैं ।
जैसा
कि
आप
सभी
लोग
जानते
है
कि
देश,
धर्म
और
संस्कृति
की
रक्षा
व
संवर्धन
के
लिए
कार्यरत
क्रांतिकारी
संगठन
भारत
स्वाभिमान
दल
एक
राजनीतिक
विचारों
का
गैर
राजनीतिक
संगठन
हैं।
साथियों भ्रष्ट व आसुरी शक्तियों से धर्म और संस्कृति को सुरक्षित करने के लिए ही नहीं, देश की समूचीव्यवस्था को सही तरीके से चलाने के लिए भी अच्छे लोगों का राजनीति में आना जरूरी है। ऐसे ही लोग भ्रष्टाचारी व आसुरी शक्तियों के प्रभाव को दूर कर पाते हैं जो आम जन की अभिलाषाओं को पूरा कर पाने की दिशा में प्रयत्नशील रहते हैं।
हमारे जनतंत्र में चुने हुए लोगों का महत्व बहुत है। सरकार चलाने व व्यवस्था बनाने का काम इन्हीं के हाथ में होता है। लेकिन देखने में यह आता है कि किसी भी तरह चुनाव जीतने वाला इंसान आम जन की सेवा के भाव से नहीं आता। उसके निजी स्वार्थ होते हैं और वह समाज के हर तबके के बारे में प्राय : मानवीय दृष्टि से नहीं सोचना चाहता। यहीं से साम्प्रदायिक तुष्टिकरण का कारोबार शुरू हो जाता है। जो योजनाएं आम जनता के कल्याण के लिए बनाई जानी चाहिए, वे साम्प्रदायिक आधार पर बनाई जाती है, सभी भारतीयों को उनका लाभ मिल ही नहीं पाता।
इस स्थिति को समाप्त करने के लिए यह बहुत आवश्यक है कि राजनीति में समाज सेवा का भाव रखने वाले हिन्दुत्वनिष्ठ लोग अधिक से अधिक आएं। शुरुआत भले ही कम लोग करें , लेकिन उनके राजनीति में प्रवेश से और लोगों का हौसला भी बढ़ेगा। उनके सही जगह पहुंचते ही साधारण नागरिक को भी सरकार पर विश्वास होने लगेगा।
मित्रों नेताओ को कोसने की प्राचीन परंपरा छोडकर अब नई पीढ़ी को राजनीति के शुद्धिकरण का बीड़ा उठाना चाहिए । इसके लिए अच्छे लोगो को राजनीति में आने की जरूरत है । पानी की गहराई किनारे पर बैठ कर नहीं आँकी जा सकती है । अब तो राजनीति में शुद्ध आचार-विचार वाले व्यक्तियों को आना ही होगा ।
भारत स्वाभिमान दल राष्ट्र को एक सशक्त राजनीतिक विकल्प देने जा रहा हैं, जिसके लिए देश भर से हमें समर्पण निधि योजना के तहत सदस्य व हितचिंतक चाहिए, जो भारत स्वाभिमान दल को 1100, 2100, 5100, 11000 रूपयों का आर्थिक अनुदान दे सके। न्यूनतम 1100 से 11000 रूपये तक का अनुदान देने वाले सदस्य संगठन के हितचिंतक कहलाएँगे, हितचिंतकों में से अथवा उनके सुझाव अनुसार ही प्रत्याशियों का चयन किया जायेगा।
सक्रीय राजनीति में उतरने के बाद "भारत स्वाभिमान दल जो घोषणा करेगा, वहीं कार्य करेगा", इसके लिए दल का चुनावी घोषणा पत्र भी नोटरी द्वारा प्रमाणित कराकर जारी किया जाएगा, ताकि अपने वचनों को पूरा न किये जाने की स्थिति में कोई भी भारतीय नागरिक भारत स्वाभिमान दल पर कोर्ट केस कर सकें। इसलिए अनावश्यक सोच विचार छोड़ कर छब्बीस सौ वर्षों की गलतियों को सुधारने के लिए भारत स्वाभिमान दल के हित चिंतक बनें, और व्यवस्था बदलें।
पैसा कमाया सिंध में सिंधीयों ने, 1947 में जब धर्म सुरक्षित न रहा तो सब छोड़कर भागना पड़ा सिंध से...
पैसा कमाया कश्मीर में पंडितों ने, बाद में केसर के खेत छोड़ कर भागना पड़ा कश्मीर
से...
जूट व्यापारियों ने खूब पैसा बनाया बंगाल में, बाद में मालूम पड़ा की बंगाल तो उधर रह गया ये
तो पूर्वी पाकिस्तान (1971 से बांग्लादेश) है तो भागना पड़ा बांग्लादेश
से...
पैसा कमाओ अच्छी बात है लेकिन धर्म सुरक्षा में भी लगाओ...
वरना सारा कमाया छोड़ भागने को तैयार रहो...
धन से धर्म की रक्षा होती हैं। धन के बिना कोई भी संगठन धर्म की रक्षा नहीं कर
सकता।
अत: धर्म रक्षा के लिए भी तन- मन के साथ धन का सहयोग भी करना चाहिए।
नोट :- दान व सहयोग कैसे करें
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन, राजनैतिक शुचिता व राष्ट्र- धर्म रक्षा के लिए भारत स्वाभिमान दल की समर्पण निधि योजना में सहयोगी बनने के इच्छुक दानदाता बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थानीय सी0बी0एस0 शाखा में पहुंचकर
भारत स्वाभिमान दल
खाता संख्या A/C no :- 08840100020849
IFSC -
BARB0FATEAS Branch Code 0884
(भारत स्वाभिमान दल, बैंक ऑफ बड़ौदा, फतेहगंज पूर्वी, बरेली, उत्तर प्रदेश) के नाम अपना धन जमा कर उसकी जमा पर्ची व अपना नाम, आयु, पिता का नाम, शैक्षणिक योग्यता, पत्र व्यवहार का पता (पिन कोड सहित), व मोबाइल नम्बर हमें 08535004500 पर वाट्सएप्प
कर
दें।
<>खाते में धन जमा करवाते समय खाता धारक का नाम एवं शाखा का स्थान अवश्य जांच लें।
<> सभी प्रकार के दान व सदस्यता किसी भी स्थिति
में पूर्णतया अप्रत्यवर्णीय (Not Refundable) हैं।
<>समर्पण निधि योजना के बारे में किसी भी प्रकार
की जानकारी लेने के लिए 8535004500 पर कॉल करें।
वन्दे मातरम्
भारत माता की जय
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन भारत स्वाभिमान दल
सम्पूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए भारत स्वाभिमान दल की ग्यारह सूत्री कार्य योजना